ठगी का नया हथकंडा, मुंबई पुलिस बन व्हाट्सएप पर भेजी एफआईआर, ठगे 10 लाख

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एफआईआर में अपना नाम देखकर विभा परेशान हो गईं। बदहवाश होकर उसी नंबर पर कॉल की। कॉल रिसीव करने वाले ने खुद को प्रकाश कुमार गुंटू बताया। कहा कि आपके पहचान पत्र का गैर कानूनी इस्तेमाल किया गया है।

साइबर जालसाजों ने ठगी का नया हथकंडा शुरू किया है। पहले मुंबई पुलिस बनकर महिला को व्हाट्सएप पर एफआईआर की प्रति भेजी। इसके बाद तस्करी का आरोप लगाते हुए जेल भेजने की धमकी दी। फिर मदद करने की बात कहकर कई किस्तों में 10 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित ने केस दर्ज कराया है।

प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम थाना मो. मुस्लिम खान के मुताबिक, डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान परिसर स्थित अपार्टमेंट में विभा यादव परिवार सहित रहती हैं। विभा के मुताबिक, कुछ दिन पहले एक अंजान नंबर से कॉल आई। ट्रू कॉलर पर अमित दादा का नाम दिख रहा था। कॉलर ने कहा कि आपके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर गैर कानूनी तरीके से एक पार्सल मुंबई से ताइवान भेजा गया है। कानूनी कार्रवाई के लिए आपके घर पुलिस आएगी। साथ ही व्हाट्सएप नंबर पर खुद को मुंबई पुलिस का कर्मचारी नरेश गुप्ता बताते हुए एक एफआईआर की प्रति भेजी। इसमें पीड़िता का नाम दर्ज था।

दस लाख रुपये में मदद करने को कहा
एफआईआर में अपना नाम देखकर विभा परेशान हो गईं। बदहवाश होकर उसी नंबर पर कॉल की। कॉल रिसीव करने वाले ने खुद को प्रकाश कुमार गुंटू बताया। कहा कि आपके पहचान पत्र का गैर कानूनी इस्तेमाल किया गया है। ठग ने कई दस्तावेज भी भेजे। खाते की जांच करने की बात कही। जालसाज ने कहा कि आपको दस लाख रुपये देने होेंगे जो बाद में लौटा दिया जाएगा।

रकम वापस नहीं मिली तो हुआ शक
बदनामी के डर से विभा ने जालसाज के बताए खाते में 10 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। ठग ने धमकाया कि किसी को कुछ बताया तो मदद नहीं कर पाऊंगा। जब रकम वापस नहीं आई तो विभा को संदेह हुआ। पूरी बात परिजनों को बताई। इसके बाद पीड़िता ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत की।


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