हिंदमाता ब्रेकिंग... उल्हासनगर कालानी समर्थ व्यापारी नेता पर टूटा आईटी का कहर

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उल्हासनगर 141 सीट पर बीजेपी विरोधी तथा कालानी समर्थक व्यापारी नेता और उसके करीबी के घर कार्यालय पर आईटी और चुनाव आयोग की छापेमारी


 जैसे-जैसे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीख करीब आती जा रही है राजनीति का स्तर और खराब होता जा रहा है। उल्हासनगर के बीजेपी उम्मीदवार के पिछले खराब कार्यकाल और पुराने दबंग नेता कालानी के पहले से चुनाव में उतरने के चलते उल्हासनगर विधानसभा क्र.141 की सीट बीजेपी के हाथ से निकलती दिखाई दे रही है। 


पूरे उल्हासनगर में कालानी का जादू लोगो के सर पर चढ़कर नाच रहा है। चाहे वो व्यापारी हो या कामकाजी यानी नौकरीपेशा आम इंसान या फिर आम गृहिणी। सभी के सर पर कालानी का जादू एक बार फिर असर दिखाता दिख रहा है। 


वहीं इस हार-जीत के लिहाज से महत्वपूर्ण पैनल 11 में सबकी नजर अटकी हुई है। एक तरफ कालानी समर्थक खुल कर कालानी का प्रचार कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ स्थानीय बीजेपी नेता अपने घर बैठकर कुमार को परेशान कर रहे हैं या फिर यों कहें कि सुपारी लेकर घर में सोए हुए हैं।


इक्का दुक्का नेता कहीं डोर टू डोर काम कर रहे हैं या वोटर्स को बुला-बुलाकर शराब की पार्टी दे रहे हैं। मगर उनका भी स्वाद फीका-फाका सा दिख रहा है। खैर, यहां तक तो ठीक है पर आज अचानक दोपहर 1:00 बजे कालानी समर्थक व्यापारियों के बड़े नेता उद्योगपति सुमित चक्रवर्ती और उसके सहयोगी कलवा उर्फ सुनील सिंह के घर और आॅफिस पर इलेक्शन कमीशन की टीम के साथ आई आईटी टीम ने छापा मारा और आॅफिस और घर की पूरी तरह तलाशी ली, जहां से काम करनेवालों को भगाया गया। 


ठीक चुनाव के पहले उल्हासनगर जैसे व्यापारी शहर के सबसे बड़े व्यापारी नेता उद्योगपति सुमित के घर में आईटी रेड होने से उल्हासनगर के व्यापारियों में दहशत फैल गई है। यहां तक कि व्यापारी अब खुलकर वोट कर पाएं यह कहना भी मुश्किल है।

कुछ राजनीतिक जानकारों से यह कहते भी सुना जा रहा है कि बीजेपी की ये सीट कालानी के सामने जाती दिख रही है। जिससे बौखलाकर सरकारी-तंत्र का इस्तमाल हो रहा है, व्यापारियों को डर सता रहा है...।


इसका सीधा मतलब ये है कि कुमार को हार का डर सता रहा है। शायद इसलिए यूपी के सीएम योगी बाबा जी उल्हासनगर से अचानक से अपना निर्धारित दौरा बिना किसी को सूचना दिए कैंसिल कर दिया। और यहां के लोगों को, खासकर यूपी के लोगों में व्याप्त नाराजगी बीजेपी की खिलाफ जाती दिख रही है।

बाबा किस वजह से आए, नहीं आए ये उनको पता, पर आज एक व्यापारी के ऊपर हुई ईसी-आईटी की इस सरकारी कार्यवाही से कालानी के लोगों को जीत काफी करीब दिख रही है। वहीं आम आदमी,व्यापारी को लगने लगा है कि व्यापारी को वोट करना है या व्यापारी को दुश्मन को?

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