फिर पकड़ा गया शराब माफिया, नाम का कालू दिमाग का चालू

hindmatamirror
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कालू

उल्हासनगर। उल्हासनगर कैंप नंबर 5 में पिछले 10 साल से दमन सिलवासा से बिना परमिट के दारु लाकर उल्हासनगर, अंबरनाथ, कल्याण, डोंबिवली, लोनावाला, पिंपरी, पुणे और नासिक में बेचता है। इसका काम एक्साइज डिपार्टमेंट और कुछ पुलिस वालों से जेब गर्म कर चलता आ रहा है। इसीलिए किसी की भी हिम्मत नहीं होती इस पर हाथ डालने की। कई साल पहले थाने एक्साइज डिपार्टमेंट के कुछ ईमानदार अधिकारी ने इस कालू नामक चालू शराब माफिया पर केस दर्ज किया था।  लेकिन उसने  अपने सर पर बोतल मार कर खुद को जख्मी कर दिया। इसके बाद उस ऑफिसर के ऊपर झूठे इल्जाम लगाकर खुद को बाहर करवा दिया और खुलेआम शराब माफिया का काम करने लगा। इसकी इतनी दहशत थी कि कुछ ऑफिसर जेब में तो कुछ ऑफिसर इनके डर की वजह से कार्रवाई करने से डरने लगे। इसी  वजह इस के हौसले बुलंद हो गए और वह खुलेआम एक्साइज डिपार्टमेंट को चूना लगाने लगा। मगर 21 फरवरी को जब वह शराब बेच रहा था, महाराष्ट्र एक्साइज के फिलिंग स्क्वार्ट के ऑफिसर लाड और प्रकाश दाते की टीम ने उसे एक गाड़ी के साथ रंगे हाथ पकड़ा और उनको मुंबई हेड क्वार्टर ले जाकर उसको केस फाइल कर कोर्ट केस किया। कोर्ट ने उसको 3 दिन की रिमांड पर एक्साइज डिपार्टमेंट में भेज दिया। आदत से मजबूर कालू फिर पुराने हथकंडे अपना कर खुद को जख्मी कर ऑफिसर के ऊपर मारपीट का इल्जाम लगाकर बाहर आने की तैयारी करने लगा। मगर पहले से ही होशियार अधिकारी लाड और उनकी टीम ने कोई मौका ना देकर उसको 3 दिन बाद फिर कोर्ट पेश किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए और कालू की पिछले केस को देखते हुए कोर्ट ने उसको जेल कस्टडी देकर अंदर भेज दिया। 

 ज्ञात हो कि यह कालू उर्फ गुरमुख देवानी का इतिहास तो छोड़ो, आजकल उसके बेटे का भी बहुत बड़ा इतिहास बन गया है। आजकल कालू को  देखते हुए एक डायलॉग याद आता है कि बाप नंबरी बेटा दस नंबरी। जल्द ही कालू के बेटे का भी पूरा इतिहास हिंदमाता आपके सामने रखेगा। कैसे 20-22 साल एक छोटा लड़का नाइटक्लब और अय्याशी में उड़ा रहा है लाखों रुपए? कहां से आते हैं उसको इतने पैसे?

 क्या करते हैं वह काम? क्या है उनके हेडक्वार्टर लोनावाला का किस्सा... जल्दी हिंदमाता के इशू में पढ़िए

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