उल्हासनगर: सालों से गोल्ड स्मगलिंग का काम सरकार और कस्टम ऑफिसर के लिए सर का दर्द बना हुआ है। सोने के तस्कर आए दिन अलग-अलग हथकंडे अपना कर कभी चप्पल. कभी जींस पैंट . कभी अपने शरीर के प्राइवेट पार्ट्स में सोना छुपा कर दुबई बैंकॉक ओमान, सिंगापुर से देश के अलग-अलग हवाई अड्डों पे उतरते हैं तो कभी बाय रोड बांग्लादेश . ढाका कभी मणिपुर कभी म्यांमार कभी नेपाल के रास्ते यह सोने की तस्करी को अंजाम देते आ रहे हैं. इस काले धंधे में यूं तो केरल कोलकाता .हैदराबाद .नागपुर के कई गैंग तो शामिल है, पर कुछ साल से महाराष्ट्र का उल्हासनगर इन तस्करों का गढ़ बन गया है.... या से 8 से 10 गैंग यह काम को अंजाम देते हैं। ये गैंग्स के तकरीबन 200 से ज्यादा लड़के लड़कियां हर din यह काम को अंजाम देने विदेश जाते हैं वहां से सोने की तस्करी को अंजाम देते हैं .इन सिंडिकेट (गैंग्स )के कुछ मलिक कई बड़े सफेदपोश लोग भी हैं जो किसी छोटे-मोटे गरीब लड़कों को आगे करके अपना काम चालू रखे हुए हैं। क्योंकि इन सफेद पोज लोगों में से कुछ मलिक को डीआरआई ने एक केस में सोना जप्त कर अरेस्ट कर के 2 महीने तक जेल में रखा था वहीं दूसरे केस में दीपक मंदानी और भावेश मटलानी आजकल डीआरआई से फरार बताएं जा रहे हैं। आजकल बैंकॉक में बैठकर गुजरात से ये सब काम को अंजाम दे रहे हैं.
सूत्रों की माने तो यह लोगों को कस्टम और डी आर आई के ऑफिसर को अपने जेब में होने का दम भरते हैं, पर डीआरआई जैसे ईमानदार विभाग को कोई कैसे जेब में रख सकता है? पर 3 महीने से ज्यादा टाइम वांटेड हो कर भी बाहर देश से कोई कैसे खुले आम सोने की तस्करी को अंजाम दे सकता है ? यह बात पर डी आर आई मुंबई जोन के ईमानदार बड़े अधिकारियों और खासकर मिश्रा नाम के अधिकारी के ऊपर भी उंगली उठाना लाजमी है मगर ये तो हुई दीपक मंदानी और और भावेश मटलानी उर्फ़ बेरी जैसे उल्हासनगर के सोना तस्करों की बात..जो आज कल डी गैंग के नाम से खुलेआम काम देकर अंडरवर्ल्ड के डॉन और देश के एक नंबर दुश्मन दाऊद को भी पीछे छोड़ चुके हैं।
दीपक मंदानी |
अब हम बताते हैं उल्हासनगर के पिक्की नाम का सबसे बड़ा सोना तस्कर जो आज भी दुबई, बैंकॉक से कई युवा लड़के लड़कियों की जिंदगी को खतरे में डालकर, कभी मुंबई कभी अहमदाबाद तो कभी चेन्नई के साथ-साथ बेंगलुरु से यह काम को अंजाम दिए हुए हैं। यह गैंग्स को जीतू सोनी नाम के एक पिक्की के पार्टनर अंजाम दे रहा है। हाल ही में 25/11 को बैंकॉक से वियतनाम होते हुए जेट एयरवे की एक फ्लाइट को अहमदाबाद एसवीपी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ड्यूटी कर रहे एआईयू कस्टम अधिकारी मिस्टर अजय ने , डिप्टी कमिश्नर मिस्टर गर्ग की अगुवाई में, जेट एयरवे के एक फ्लाइट के मुसाफिरों को अच्छे से जांचा तो उसमें से उल्हासनगर और उसके पास अंबरनाथ में रहने वाले विक्की हस्सनाद चिमनानी नामक पैसेंजर पर शक होने पर रोक कर इंक्वारी की तो उसके बॉडी में से तीन ब्लैक कैप्सूल निकले। उसे खोल के जांच की गई तो उसमें से 1100 ग्राम का मेटल गोल्ड पिघला हुआ सोना निकाला। जिसकी कीमत 65 लाख बताई जा रही है .यह विकी चिमनानी उल्हासनगर के रहने हितेश और जीतू सोनी के पास काम करता हैं .
जब हिंदमाता और अंदर तक जाकर इंक्वारी की तो पता चला कि यह पिक्की कुछ महीने पहले गोल्ड तस्करी में डीआरआई द्वारा पकड़े गए मनोज का पार्टनर था. अभी पिक्की ने दो-चार लोगों को साथ लेकर गैंग बनाकर काम को अंजाम दे रहा है जिसका काम जीतू सोनी मुंबई गुजरात से तो और हितेश नाम का लड़का दुबई बैठ के संभल रहा है इतने केसेस होने के बाद इतना लाखों का माल पकडे जाने के बाद भी यह तस्कर कभी नहीं सुधरेंगे..
ऐसे ही मुंबई ही नहीं इंडिया की सबसे बड़ी गोल्ड स्मगलिंग गैंग और उनके मालिक दीपक मंदानी और भावेश beery barthu मटलानी कैसे बैंकॉक से बैठ के कौन से एयरपोर्ट से कौन से अधिकारी से मिलकर कौन से कोरियर को आगे करके यह गंदे काम को अंजाम देते हैं, इसका पूरा खुलासा जल्द हिंदमाता न्यूज़ पेपर में...साथ ही एक गैंग के मालिक मोहन मच्छर के मरने के बाद गैंग का मालिक उसका भाई बाबू मच्छर और उसका भांजा जैकी हसीजा का भी भी खुलासा।