मकर संक्रांति पर नायलॉन के मांझे से उड़ाई पतंग तो खैर नहीं! पढ़ लें- क्या कह रही मुंबई पुलिस

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मुंबई पुलिस ने मकर संक्रांति को देखते हुए चाइनीज मांझे के नाम से पहचाने जाने वाले नायलॉन की तारों से पतंग उड़ाने, ऐसे मांझे रखने और बेचने पर रोक लगा दी है. यह बैन 12 जनवरी से 10 फरवरी तक लागू रहेगा.


मुंबई: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में इस बार मकर संक्रांति के त्योहार पर पतंगें उड़ाने के लिए चाइनीज माझे के नाम से पहचाने जाने वाले नायलॉन की तारों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा. मुंबई पुलिस ने नायलॉन के मांझे पर बैन लगा दिया है. यह बैन 12 जनवरी से 10 फरवरी तक लागू रहेगा. ना सिर्फ पतंग उड़ाने के लिए नायलॉन के मांझे पर रोक होगी, बल्कि इसको रखना और बेचना भी गैरकानूनी माना जाएगा. मुंबई पुलिस की सूचना के मुताबिक आदेश का पालन ना करने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.

मुंबई पुलिस द्वारा दिए गए आदेश में यह कहा गा है कि आदेश नहीं मानने वालों को आईपीसी की धारा 188 (सरकारी आदेशों का उल्लंघन) के तहत कार्रवाई की जाएगी. मुंबई पुलिस द्वारा इस पर रोक लगाने की वजह यह है कि ये मांझे बेहद खतरनाक होते हैं और गले में फंस जाएं तो किसी इंसान या जानवर की इससे मौत हो सकती है. हर साल मकर संक्रांति में ऐसे कई हादसे सामने आते रहते हैं.
चाइनीज मांझे जानलेवा होते हैं, इसलिए नायलॉन मांझे पर बैन

इन मांझों से कई बार विलुप्त होते हुए पंछी भी गंभीर रूप से जख्मी होते हुए देखे गए हैं. जबकि इस वक्त मुंबई में फ्लेमिंगो जैसे कई पक्षी आते हैं. इसके अलावा गिद्ध भी विलुप्त होते जा रहे हैं. इन सब घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए मुंबई पुलिस ने यह ऐक्शन लिया है.
मेटल के इस्तेमाल से इसे धारदार बनाया जाता है, जिससे यह जानलेवा हो जाता है

ऑफिशियल टर्म में इन्हें नॉन बायोडिग्रेडेबल सिंथेटिक थ्रेड कहा जाता है. इन मांझों को तैयार करने के लिए शीशे के पाउडरों का इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए इससे गले कट जाने का खतरा बना हुआ रहता है. ना सिर्फ शीशा बल्कि इसे बनाने में पांच तरह के केमिकल और मेटल, अल्युमिनियम ऑक्साइड और लेड इस्तेमाल में लाए जाते है. ये सब मिलकर मांझे को इतना धारदार बना देती हैं कि उससे किसी के साथ भी गंभीर हादसा हो सकता है.
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