राज्य के पूर्व पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने एक बार फिर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस पर निशाना साधा है। आदित्य ठाकरे ने मुंबई के 400 किलोमीटर सड़क के मरम्मत के लिए निकाले गए टेंडर पर घोटाले का सवाल खड़ा किया है। आदित्य ठाकरे ने कहा की कोई जनरल बॉडी कमिटी नहीं, कोई महापौर नहीं, कोई स्थायी समिति नहीं, तब प्रशासक दरों की समय-सारणी को इस प्रकार बदल सकते हैं ये हक उन्हे किसने दिया
आदित्य ठाकरे ने कहा की "मुंबई की सड़कों के लिए 5 हजार करोड़ का टेंडर पहले निकाला गया लेकिन कोई प्रतिसाद ना मिलने के कारण इसे रद्द किया गया , अब बीएमसी ने एक बार फिर से इस कार्य के लिए 6 हजार करोड़ का टेंडर निकाला है , नये टेंडर मे दरों का शेड्यूल बदला गया है, अनुमान से 20 फीसदी कम बोली लगाने वाले अब 40 फीसदी ज्यादा बोली लगा रहे हैं, प्रत्येक ठेकेदार को औसतन 48 प्रतिशत का लाभ हुआ, हर एक जोन मे ठेकेदार को फायदा दिया गया है"
आदित्य ठाकरे ने बीएमसी कमिश्नर पर भी निशाना साधते हुए कहा की" एक कंपनी एक जोन में 6-7 प्रतिशत से अधिक बोली लगाती है जबकि दूसरी 13-14 प्रतिशत अधिक बोली लगता है? क्या यह तय किया जा रहा है? टेंडर में इतना बड़ा बदलाव करने का हक बीएमसी कमिश्नर को किसने दिया?टेंडर का पैसा मुंबईकरों की जेब से जा रहा है , महापौर और जनप्रतिनिधि न होने पर निविदा जारी करने का अधिकार प्रशासक को किसने दिया?
आदित्य ठाकरे ने कहा की "96-97 में जब शिवसेना सत्ता में आई तो नगर पालिकाओं का बजट घाटे में था, शिवसेना के सत्ता के आने के बाद पैसे बचाएं और FD करवाएं जिसके बाद नगर पालिका देश की नजरों में आ गई है लेकिन अगर इसी तरह काम होता रहा तो मुझे लगता है कि एफडी भंग करनी पड़ेगी , 25 साल काम करने के बाद हमने पैसे का सदुपयोग कर सुविधा मुहैया कराई है और पैसा बचाया है, अब यह सिर्फ पैसे की बर्बादी है
आदित्य ठाकरे ने कहा की इस टेंडर को रद्द करने की जरुरत है। यह घोटाला अब लोगों की नजरों में है।
