‘उद्धव-रश्मि को सच बताया तो वे चप्पलों से मारेंगे’, राणे-राउत फाइट हुई टाइट

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इन दिनों महाराष्ट्र में ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बीच फुल टू फिल्मी फाइट शुरू है. अमर अकबर एंथोनी के अमिताभ बच्चन की तरह संजय राउत ने कहा था कि केंद्र की सुरक्षा से बाहर आओ फिर जानें. राउत ने नारायण राणे को भगोड़ा और डरपोक कह दिया था. ईडी के डर से पार्टी बदलने वाला कहा था. राणे ने आज विनोद खन्ना बन कर कह दिया, सुरक्षा छोड़ कर आने को तैयार हूं, बोलो कहां आना है? यह सुरक्षा मैंने नहीं मांगी है, मुझे मिली है और आज से नहीं मिली है.’


इसके बाद नारायण राणे ने कहा कि जब इतिहास लिखा जाएगा तो उनका नाम शिवसेना को बढ़ाने वालों में आएगा, संजय राउत का नाम शिवसेना को खत्म करने वालों में आएगा. राणे ने राउत को राजनीति का जोकर कहा और कहा कि आज तक उसने एक भी बड़ा सामाजिक काम नहीं किया. बस रोज सुबह उठ कर इस पर बोलते हैं, उस पर बोलते हैं. पता नहीं मीडिया उन्हें इतना क्यों दिखाता है. जिसके कंधे पर राउत ने हाथ रखा, वो खत्म हो गया. नारायण राणे आज (7 जनवरी, शनिवार) मुंबई में आज पत्रकारों से बात कर रहे थे.


‘राउत जो उद्धव और रश्मि के बारे में बोलते थे, बताऊंगा तो वे चप्पलों से मारेंगे’

राणे ने कहा, ‘एक ना एक दिन तो मैं उद्धव ठाकरे से जरूर मिलूंगा. जानते हैं क्यों? क्योंकि जब मैं राज्यसभा सांसद था तो वे मेरे बगल में बैठ कर उद्धव ठाकरे और रश्मि ठाकरे के बारे में क्या-क्या कहा करते थे. वो सब उनको बताऊंगा. वे दोनों राउत को चप्पलों से मारेंगे.’


‘जब से राणे ने शिवसेना छोड़ी, उनका मुंह भी नहीं देखा; गद्दारों से नहीं मिलता’

इस पर संजय राउत ने इसका जवाब नासिक में पत्रकारों से बात करते हुए दिया. राउत ने कहा, ‘जब से नारायण राणे ने शिवसेना छोड़ी, तब से आज तक मैं उनसे कभी नहीं मिला. मैं गद्दारों का मुंह देखना भी पसंद नहीं करता. आज ही मेरी उद्धव ठाकरे से इस मुद्दे पर बात हुई. वे भी हंस रहे थे. शुरुआत किसने की? उद्धव ठाकरे, रश्मि ठाकरे और आदित्य ठाकरे के बारे में कितनी गंदी-गंदी बात उन्होंने कही है. अगले केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में जहां तक मुझे जानकारी है, उनका मंत्रीपद जाने वाला है.’


राणे-राउत की फाइट पर शिंदे गुट ने दी बाइट

इस राणे-राउत फाइट को लेकर शिंदे गुट के विधायक संजय शिरसाट ने कहा कि यह बात सही है कि राउत ने शिवसेना को खत्म करने का बीड़ा उठाया है. इतने लोग चले गए. यह उद्धव ठाकरे को सोचना चाहिए. आज तक संजय राउत ने संगठन के स्तर पर कोई काम नहीं किया है. जमीन पर कोई काम नहीं किया है. चुनाव कैसे लड़ा जाता है, कभी चुनाव लड़ा हो तो वे जानें. ये राउत और राणे की फाइट में मैं क्या कहूं? जैसे राउत हैं वैसे राणे. मुंह खोलते हैं तो दोनों एक जैसा ही बोलते हैं. राम मिलाए जोड़ी हैं.

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