Mumbai : महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुंबई (Mumbai) में एक विशेष पॉक्सो कोर्ट ने 15 साल की एक लड़की का दुपट्टा खींचने, उसका हाथ पकड़ने और विरोध करने पर धमकी देने के आरोपी लड़के को 3 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने 23 साल के आरोपी लड़के को सजा सुनाते हुए कहा कि बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों में बढ़ोतरी हुई है और इसका पीड़ितों, उनके परिवार के सदस्यों और यहां तक कि समाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. कोर्ट ने कहा कि वे इस धारणा के तहत हैं कि घर और आस-पास के क्षेत्र बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं हैं और यह समाज में एक खतरनाक स्थिति पैदा करने वाला है.
कोर्ट ने आगे कहा कि इस तरह की घटना से पीड़िता, उसके परिवार के सदस्यों और लोगों के मन में दहशत फैलती है और लंबे समय तक के लिए एक निशान छोड़ जाती है. इस दौरान कोर्ट ने बचाव पक्ष के उस दावे का खंडन किया, जिसमें कहा गया कि बच्ची ने शुरू में स्कार्फ कहा था न कि दुपट्टा, इसलिए उसका संस्करण असंगत था और उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता था. इस पर कोर्ट ने कहा कि स्कार्फ और दुपट्टे में ज्यादा अंतर नहीं है. दोनों गले के पास उपयोग किए जाते हैं और एक ही तरह के कपड़े हैं, जो महिलाएं पहनती हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, भले ही पीड़िता ने इसे एक बार स्कार्फ और दूसरी बार दुपट्टा कहा हो.
'लड़की का पीछा करता था आरोपी'
घटना 1 दिसंबर 2017 की है, जब लड़की बाजार जा रही थी. उसने कोर्ट को बताया कि आरोपी घर के सामने खड़ा रहता था और उसके परिवार वालों ने लड़के फटकार भी लगाई थी. कोर्ट ने कहा कि यह साबित हो गया है कि जब पीड़िता बाजार गई तो आरोपी ने उसका दुपट्टा खींचा और उसका हाथ भी पकड़ लिया था. आरोपों को साबित करने के लिए यह पर्याप्त है कि आरोपी ने पीड़िता की शील भंग करने के इरादे से आपराधिक बल का इस्तेमाल किया और उसका यौन उत्पीड़न किया. साथ ही कोर्ट ने कहा कि घटना से पहले आरोपी उसके घर के सामने खड़ा था और इशारे करने के साथ-साथ उसका पीछा करता था.
कोर्ट ने आरोपी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया
कोर्ट ने फिलहाल जमानत पर बाहर आए आरोपी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. इसमें से पीड़ित लड़की को मुआवजे के रूप में 15,000 रुपये की राशि का भुगतान किया जाएगा. जुर्माने का भुगतान नहीं करने पर आरोपी को एक और महीना जेल में बिताना होगा. कोर्ट ने आरोपी को आपराधिक धमकी से संबंधित भारतीय दंड संहिता के आरोपों के लिए भी दोषी पाया, क्योंकि फोन पर बात करने पर आरोपी ने लड़की के पिता को धमकी दी थी. अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता 10वीं की छात्रा थी, जब साल 2017 में उसके साथ यह घटना घटी. उस समय पीड़िता की उम्र 15 साल थी.