तेल में मिलावट का विरोध करने पर नासिक (Nasik) के एक अतिरिक्त जिला कलेक्टर को जलाकर मार डालने के 11 साल बाद गुरुवार को एक सेशन कोर्ट ने तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. मामला 25 जनवरी 2011 का है, जब मुंबई से लगभग 280 किमी दूर मनमाड (Manmad) में अतिरिक्त जिला कलेक्टर यशवंत सोनवणे (Yashwant Sonawane) (46) के साथ मारपीट की गई और इसके बाद केरोसिन (kerosene) छिड़ककर उन्हें जिंदा जला दिया गया. पहले इस मामले की जांच राज्य की पुलिस कर रही थी लेकिन बाद में इस मामले को सीबीआई (CBI) को सौंप दिया गया था.
मुख्य आरोपी की पहले ही हो चुकी है मौत
अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 353 (आपराधिक बल का प्रयोग या एक लोक सेवक पर हमला) सहित 149 (गैरकानूनी सभा) सहित आरोपों के तहत राजेंद्र शिरसत, मचिंद्र सुरादकर और अजय सोनवणे को दोषी पाया. ये तीनों मुख्य आरोपी के कर्मचारी थे, जिन्होंने एक ढाबा किराया पर लिया था, जहां तेल में मिलावट का काम चलता था. मुख्य आरोपी सोनवणे पर मिट्टी का तेल डालते समय 70 फीसदी तक झुलस गया था और घटना के एक हफ्ते के भीतर ही मुंबई के जे. जे. अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी.
21 लोगों ने दी इस मामले में गवाही
सीबीआई ने इस मामले में मुख्य आरोपी के बेचे को भी अपराध में नामित किया था जो अपराध के समय नाबालिग था और उसके खिलाफ मामला जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में विचाराधीन है. विशेष लोक अभियोजक मनोज चलादान ने कहा कि मामले में दो प्रत्यक्षदर्शियों सहित 21 गवाहों ने गवाही दी. वे सोनवणे के ड्राइवर और उनके निजी सहायक थे जो घटना के समय उनके साथ थे.
कब और कैसे की गई थी सोनवणे की हत्या
यह घटना उस वक्त हुई जब सोनवणे नंदगांव किसी मीटिंग में शामिल होने जा रहे थे. मनमाड के रास्ते में सोनवणे ने मुख्य आरोपी द्वारा किराए पर लिए गए ढाबे के पीछे से गाड़ी निकाली. इस दौरान उन्होंने एक टैंकर और एक ट्रक को संदिग्ध रूप से खड़े हुए पाया. जब वे निरीक्षण के लिए वहां रुके तो उन्होंने देखा कि ढाबे पर तेल की चोरी हो रही है. इसके बाद उन्होंने मौके पर वीडियो बनाना शुरू कर दिया. इस दौरान मौके पर मौजूद लोगों ने मुख्य आरोपी और उसके बेटे को इसकी सूचना दी. जल्दी ही कुछ लोग मौके पर पहुंचे और सोनवणे से बदतमीजी करने लगे. जैसे ही सोनवणे जमीन पर गिरे मुख्य आरोपी ने उन पर कैरोसीन छिड़क कर उन्हें आग के हवाले कर दिया.