मुंबई के गॉस्पेल चर्च से उदयपुर की 8 नाबालिगों का रेस्क्यू, पीडि़तों में 7 बच्च्यिां एवं 1 बालक

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पीडि़त बच्चों ने कहा नशीला पदार्थ सेवन करा सुलाया, चिकित्सकीय जांच के बाद सभी बच्चे परिजनों को सुपुर्द

उदयपुर: नगर संवाददाता और महाराष्ट्र के नवीं मुंबई के सीवुड स्थित बेथेल गॉस्पेल चेरिटेबल ट्रस्ट के चर्च में नाबालिग लडकियों के यौन शोषण के मामले में नया खुलासा हुआ है। इस चर्च में उदयपुर के आस-पास के गांव के 8 बच्चे थे, जिसमें एक नाबालिग लड़का और सात लड़कियां थी। जिनमें से कुछ के साथ यौन अत्याचार का मामला सामने आया है। इन बच्चों को उदयपुर लाने के बाद मेडिकल व बयान दर्ज कर उनके परिजनों को सौंपा गया। उदयपुर बाल कल्याण समिति की सदस्य शिल्पा मेहता ने बताया कि रेस्क्यू किए गए बच्चों में 5 से लेकर 15 वर्ष तक की 7 लड़कियां और एक लड़का शामिल हैं। यह सभी उदयपुर के आसपास के गांव के निवासी हैं। मंगलवार दोपहर महाराष्ट्र पुलिस इन्हें उदयपुर लेकर पहुंची, जहां इन सभी मासूमों को बाल कल्याण समिति को सुपुर्द किया गया। इससे पहले करीब एक माह तक ये मासूम महाराष्ट्र की बाल कल्याण समिति के शेल्टर होम में थे।


बेहोश कर करते थे गलत काम


मुंबई से रेस्क्यू कर उदयपुर लाए नाबालिगों में से कुछ बच्चियों ने उनके साथ हुए यौन शोषण को कबूल किया है। बच्चों ने बताया कि उन्हें चर्च में खाने में मिलाकर नशा कराया जाता था। खाना खाने के बाद वे बेहोश हो जाते थे और सुबह वे उठने पर उनके साथ हुए गलत काम का पता चलता।


ऐसे हुआ था पूरा खुलासा


सीवुड स्थित बेथेल गॉस्पेल चेरिटेबल ट्रस्ट के चर्च में नाबालिग के साथ दुष्कर्म की सूचना मिलने पर महिला एवं बाल विकास बोर्ड के अधिकारियों द्वारा सभी बच्चों की काउंसलिंग की गई थी, जिसमे तीन लड़कियों ने यौन शोषण होने की बात कबूल की थी। जिसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला बाल संरक्षण अधिकारी रामकृष्ण रेड्डी ने एनआरआई पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। मामले की गंभीरता को देखते हुए एनआरआई पुलिस ने पादरी येसुदासन के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया था। इसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर 48 बच्चों को छुड़ाया था। इन सभी को उल्हासनगर के सरकारी बाल गृह में रखा गया था।


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