दिल्ली के एलजी ने बेटी को दिया लाउंज निर्माण का ठेका? 'आप' के आरोप पर आया ये जवाब

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दिल्ली का बॉस यानी मुखिया कौन है, दिल्ली के एलजी या दिल्ली की सरकार इस विषय पर लंबे समय से तनाव और तकरार का दौर बना हुआ है. राष्ट्रीय राजधानी की सियासत की बात करें तो सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली 'आम आदमी पार्टी' ने एक बार फिर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (LG V K Saxena) पर सियासी और जुबानी हमले तेज कर दिए हैं. 


जांच पूरी होने तक पद से हटाए जाएं LG: आप


इस सिलसिले में 'आप' के सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने एलजी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने खादी विभाग में रहते हुए केवीआईसी ऐक्ट 1961 (KVIC Act 1961) के नियम कायदों का उल्लंघन करके अपनी बेटी को खादी इंडिया लाउंज का ठेका दिया था. आम आदमी पार्टी ने इस बावत एलजी के खिलाफ कोर्ट जाने की बात कही है. वहीं, पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज, विधायक आतिशी समेत कई आप नेताओं ने आरोपों की जांच होने तक एलजी को पद से हटाने की मांग की है. वहीं आमआदमी पार्टी के आरोपों पर एलजी की ओर से आए जवाब में 'आप' पर भ्रामक आंकड़े पेश करने का आरोप लगाया गया है.


प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाई तस्वीर


इसी मामले को लेकर पार्टी दफ्तर में बुलाई गई अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांसद संजय सिंह ने मुंबई स्थित खादी इंडिया लाउंज के उद्घाटन समारोह की एक तस्वीर दिखाते हुए कहा, 'इसमें LG विनय कुमार सक्सेना की बेटी का नाम लिखा है. बीजेपी की केंद्र सरकार ने अबतक LG के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया. आखिर उनके खिलाफ जांच क्यों नहीं हो रही है.' वहीं MLA आतिशी ने भी एलजी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार से खादी मामले की जांच और उन्हें पद से हटाने की मांग की है


राजनिवास ने दिया ये जवाब


आप की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाए गए सवालों को लेकर राजनिवास की ओर से जवाब दिया गया है. राजनिवास ने ट्वीट में लिखा, एक पार्टी द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का जवाब खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) की ओर से पहले ही दिया जा चुका है. राजनिवास ने कहा, 'KVIC कह चुका है कि मुंबई लाउंज को डिजाइन करने का काम शिवांगी सक्सेना द्वारा बिना कोई फीस लिए फ्री में किया गया था इसलिए उनके प्रति सौहार्द्रपूर्ण व्यवहार दिखाने के लिए उनका नाम शिलापट्ट पर लिखा गया क्योंकि मुफ्त में हुए गए काम से लाउंज की डिजाइनिंग का खर्च बच गया था. प्रोजेक्ट की कुल लागत 27.30 लाख रुपये थी. वहीं इस मामले को लेकर राजनीतिक पार्टी द्वारा दिए गए आंकड़े पूरी तरह से भ्रामक और गलत हैं.' आपको बता दें कि इस जवाब में खादी विभाग का पत्र भी संलग्न किया गया है.

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