डोंबिवली : मुंबई को मराठी लोगों का शाही शहर माना जाता था, मुंबई में मराठी आबादी बड़े पैमाने पर चाली में रहती थी, अपने चाली में मराठी लोगों के साथ उनका घनिष्ठ संबंध एक समीकरण की तरह था. सुख दुःख में सब एकसाथ होते थे. लेकिन कुछ सालों से चाली को तोड़कर उसकी बड़े टावर बन गए है, मुंबई की चाली संस्कृति कहीं न कहीं गायब होती जा रही है. इसलिए डोंबिवली के शंकर जांनवलकर ने घरेलू गणेशोत्सव में मुंबई के चाली को बखूबी चित्रित किया है. इसमें मुंबई के डब्बेवाला, मुंबई की मिल, मराठी लोगों का चाली से घनिष्ठ संबंध और चाली की संस्कृति का चित्र बखूबी चित्रित किया गया है.
जांनवलकर परिवार पिछले 20 सालो से गणेश जी की स्थापना कर रहा है, यह मध्यमवर्गीय परिवार सुबह काम पर जाता है और रात में अपने प्यारे बप्पा की सजावट व झांकी तैयार करता था. जांनवलकर परिवार ने कहा कि यह दृश्य मुंबई में लुप्त हो रही हैं चाली प्रथा और चाली संस्कृति को बचाने के लिए 20 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद यह झांकी बनाया गया हैं. पूरा सजावट इको फ्रेंडली है और इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है.