महाराष्ट्र विधानसभा में गाली गलौज के आरोप में 12 BJP विधायक सस्पेंड, फडणवीस बोले- ये है मैन्यूफैक्चर्ड कार्रवाई

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महाराष्ट्र विधानसभा में गलत व्यवहार को लेकर 12 विधायकों को निलंबित कर दिया गया है. यह निलंबन एक साल के लिए किया गया है. इन 12 विधायकों में अभिमन्यु पवार, अतुल भातखलकर, नारायण कुचे, आशिष शेलार, गिरिश महाजन, संजय कुटे, पराग अलवणी, राम सातपुते, हरीश पिंगले, जयकुमार रावल, योगेश सागर, कीर्ति कुमार भांगडिया के नाम हैं. नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने इस निलंबन की कार्रवाई का विरोध किया है.



उन्होंने कहा कि यह सीधी-सीधी मैन्यूफैक्चर्ड कार्रवाई है. जो कि विधानसभा में हमारे नंबर कम करने के लिए की गई है. विधानसभा तालिका अध्यक्ष भास्कर जाधव ने खुद काफ़ी ग़लत बातें की हैं, आज OBC आरक्षण के मामले पर जानबूझकर भाजपा के 12 विधायकों को निलंबित किया गया है. भाजपा के किसी भी MLA ने गाली गलौज नहीं की है. जो कुछ भी हुआ था हमारी तरफ़ से माफ़ी मांगी गई थी, उसके बावजूद निलंबित किया गया. 


सच सामने आएगा. ठाकरे सरकार चाहती ही नहीं है की OBC को आरक्षण मिले. एकैडमिक चर्चा में तीखी नोंक-झोंक स्वाभाविक है. लेकिन किसी ने कोई गाली-गलौज नहीं की. अगर किसी ने गाली दी तो रिकॉर्ड सुनाएं. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इसका शक हमें पहले ही था कि इस तरह की कोई कार्रवाई की जाएगी. लेकिन हम ओबीसी आरक्षण के लिए लड़ाई को जारी रखेंगे.

निलंबन के बाद बोले भाजपा विधायक आशिष शेलार

सस्पेंड होने के बाद भाजपा विधायक आशिष शेलार ने कहा कि भाजपा के किसी भी सदस्य ने गाली गलौज नहीं की. मैं तो पीठासीन अधिकारी के पास पहुंचे विधायकों को अपनी जगह पर जाने की अपील करने गया था.  हमारे नेता देवेंद्र फडणवीस ओबीसी आरक्षण को बचाने के लिए  जो बहस कर रहे थे, उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा था. इस पर कुछ लोग पीठासीन अधिकारी तक पहुंच गए. लेकिन किसी ने कोई गाली गलौज नहीं की. फिर भी मैंने पीठासीन अधिकारी से अपने सदस्यों की ओर से माफी मांगी. छगन भुजबल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में जिस तरह से जिक्र किया वे बातें हमारे प्रधानमंत्री के बारे में गलतफहमी पैदा कर सकती थी, इसलिए हमने पॉइंट ऑफ आर्डर की मांग की थी. धक्का मुक्की और गाली गलौज अगर किसी ने की तो वे शिवसेना के सदस्य थे. हम पर  कार्रवाई क्यों की गई?




निलंबन के बाद बोले विधायक अतुल भातखलकर

भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने कहा कि मैं तो वेल तक गया भी नहीं था. मेरा निलंबन क्यों किया गया. इसलिए किया गया क्योंकि मैं सत्ताधारियों की करतूतों को उजागर किया करता हूं. उनसे जब पूछा गया कि एक साल का निलंबन है अब आप क्या करेंगे तो जवाब में अतुल भातखलकर ने कहा कि अकेला देवेंद्र काफी है. पिछले बार अकेले देवेंद्र फडणवीस ने दो-दो विकेट इनके लिए थे. इसलिए ये (आघाडी सरकार) घबराए हुए हैं. देवेंद्र फडणवीस अकेले ही इनके लिए काफी हैं.

निलंबन के बाद बोले गिरिश महाजन

विधायक गिरिश महाजन ने कहा कि सीसीटीवी कैमरा है देखिए, सब लाइव है, आवाज सुनिए, देखिए तब कार्रवाई कीजिए. एक तो कोई गाली गलौज हुई नहीं. जो हुआ सब सामने है. भाजपा के अलावा दूसरी पार्टियों के लोग भी थे. कार्रवाई सिर्फ भाजपा विधायकों पर क्यों. इसलिए कि हम जनता के सवाल ना उठा सकें.

दरअसल OBC आरक्षण को लेकर विधानसभा में जोरदार बहस हो गई थी. ऐसे में कुछ विधायक वेल तक चले गए और इनमें से एक ने उनका माइक भी मोड़ दिया था. उसके बाद यह कार्रवाई की गई है.


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