एनआईए (NIA) को लगता है कि कोडवर्ड में लिखे गए नाम और रकम रेस्तरां, पब और कुछ कारोबारियों से वसूले गए थे. ये फंड्स सचिन वझे (Sachin Vaze) और उनकी गैंग के जरिए लिए गए हैं. एनआईए के मुताबिक डायरी में लिखी गई जानकारी जनवरी महीने से अभी तक की है. बता दें कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने भी अपनी चिट्ठी में जनवरी में वसूली किए जाने का जिक्र किया है.
सचिन वझे (Sachin Vaze) की इस डायरी में हर किसी का रेटकार्ड लिखा गया है. इसमें कई होटल, बार और पब वालों के नाम के आगे रेटकार्ड लिखा हुआ है. डायरी में इस बात का भी जिक्र है कि होटल और बार वालों को महीने के 15 तारीख को कितना पैसा देना है और महीने की आखिरी तारीख कितनी रकम देनी है.