सूरत सिविल हॉस्पिटल के कोविड वार्ड में बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां एक महिला प्यासी तड़पती रही, सांस फूल रही थी, लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं था। देवर को वीडियो कॉल करके मदद की गुहार लगाई। इसके बाद परिवार वालों ने हॉस्पिटल में डॉक्टर से लेकर वार्ड के कर्मचारियों तक को फोन किए, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। अगले दिन सुबह 20 मार्च को महिला को मृत घोषित कर दिया गया।
रात को हॉस्पिटल में फोन किया, लेकिन किसी ने रिसीव नहीं किया
पूनमबेन के देवर दीपक ने बताया कि भाभी ने 19 मार्च की रात को जब वीडियो कॉल किया था तब वे बिस्तर से उठ भी नहीं पा रही थीं। पूनमबेन ने 18 मार्च को हॉस्पिटल में बेटी को जन्म दिया। इससे पहले उनका कोविड टेस्ट किया गया था। पहली रिपोर्ट नेगेटिव रही। डिलिवरी के बाद दोबारा टेस्ट किया गया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई, तब पूनम को कोविड वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया।
परिवार का सवाल- बच्ची होते ही किडनी कैसे फेल हुई?
विजयनगर सोसाइटी में रहने वाली पूनम की शादी 9 साल पहले तुषार जेठे से हुई थी। उनकी एक बेटी पहले से है। पूनम के देवर का कहना है कि बच्ची के जन्म के तुरंत बाद डॉक्टरों ने बताया कि भाभी की एक किडनी फेल हो गई है। उनका कहना है कि जब पहले कभी किडनी की कोई समस्या नहीं रही, तो बच्ची होते ही किडनी फेल कैसे हो गई? इसमें तय है कि डॉक्टरों की ओर से कोई लापरवाही हुई है।