राहुल तिवारी
मुंबई का भांडुप इलाका. यहां एक मॉल की तीसरी मंजिल पर बने कोविड हॉस्पिटल में आग लगी. मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है. अस्पताल ने बयान जारी करके कहा है कि सभी लोगों की मौत आग की वजह से नहीं हुई है. कुछ लोग कोरोना के मरीज थे, और इसी वजह से उनकी जान गई है.
राहत और बचाव के उपायों के बीच मॉल में बने अस्पताल को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. बीजेपी ने कई सवाल उठाए हैं.
ड्रीम्स मॉल की तीसरी टॉप मंजिल पर सनराइज अस्पताल है. जिस समय अस्पताल में आग लगी, वहां 76 मरीज थे. इनमें से 73 कोरोना के मरीज थे. फायर ब्रिगेड की मदद से अस्पताल के अंदर फंसे मरीजों को निकालकर दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया. आग देर रात करीब 11.30 लगी. 20 से अधिक फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को लगाने के बावजूद सुबह तक आग नहीं बुझ सकी थी. अस्पताल ने बयान में बताया कि ड्रीम्स मॉल की पहली मंजिल पर आग लगी थी, धुआं तीसरी मंजिल पर स्थित सनराइज अस्पताल में पहुंच गया.
1000 दुकानें हैं मॉल में
ये मॉल 2009 में बना था. इंडिया टुडे के मुताबिक, इस मॉल में करीब 1000 छोटी-बड़ी दुकानें हैं. 2 बैंक्वेट हॉल्स है. इसके अलावा यहां अस्पताल भी बना रखा था. यहां कोविड अस्पताल शुरू करने के लिए पिछले साल कंडीशनल ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (OC) दिया गया था. इस मॉल को लेकर विवाद भी चला. चार साल पहले NCLT ने यहां एक प्रशासक नियुक्त किया था

मॉल में अस्पताल पर सवाल
आग लगने की घटना के बाद मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर मौके पर पहुंची. उन्होंने मॉल के अंदर अस्पताल चलाए जाने पर हैरानी जताई. उन्होंने कहा कहा कि मैंने पहली बार मॉल में कोई अस्पताल देखा है. अगर यहां अस्पताल चलाने में किसी तरह की अनियमितता पाई गई तो एक्शन लिया जाएगा. मुंबई के कमिश्नर ने कहा कि शुरुआती जांच में अस्पताल की लापरवाही नजर आ रही है.
‘न सुरक्षा के उपाय, न आग बुझाने के इंतजाम’
बीजेपी के नेता मनोज कोटक ने अस्पताल को जारी OC पर सवाल उठाए. मनोज कोटक का कहना था कि बीएमसी ने गैरकानूनी तरीके से मॉल में अस्पताल को ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट दिया था. मैंने सुबह हादसे की जगह का दौरा किया. वहां न तो सुरक्षा के उपाय थे और आग से बचाव के उपकरण तक नहीं थे. उन्होंने बताया कि इस अस्पताल को रीयल एस्टेट कंपनी हाउसिंग डेवलपमेंट ऐंड इन्फ्रा लि. (HDIL) ने PMC बैंक से पैसा लेकर बनाया था.
आग लगने की घटना के बाद मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर मौके पर पहुंची. उन्होंने मॉल के अंदर अस्पताल चलाए जाने पर हैरानी जताई. उन्होंने कहा कहा कि मैंने पहली बार मॉल में कोई अस्पताल देखा है. अगर यहां अस्पताल चलाने में किसी तरह की अनियमितता पाई गई तो एक्शन लिया जाएगा. मुंबई के कमिश्नर ने कहा कि शुरुआती जांच में अस्पताल की लापरवाही नजर आ रही है.
‘न सुरक्षा के उपाय, न आग बुझाने के इंतजाम’
बीजेपी के नेता मनोज कोटक ने अस्पताल को जारी OC पर सवाल उठाए. मनोज कोटक का कहना था कि बीएमसी ने गैरकानूनी तरीके से मॉल में अस्पताल को ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट दिया था. मैंने सुबह हादसे की जगह का दौरा किया. वहां न तो सुरक्षा के उपाय थे और आग से बचाव के उपकरण तक नहीं थे. उन्होंने बताया कि इस अस्पताल को रीयल एस्टेट कंपनी हाउसिंग डेवलपमेंट ऐंड इन्फ्रा लि. (HDIL) ने PMC बैंक से पैसा लेकर बनाया था.
अस्पताल का क्या कहना है?
मॉल में अस्पताल खोलने की बात पर सनराइज अस्पताल ने कहा,
यह अस्पताल पिछले साल कोविड की असाधारण परिस्थितियों में शुरू किया गया था. अस्पताल ने कई मरीजों को बचाने में मदद की है. यह फायर लाइसेंस, नर्सिंग होम लाइसेंस आदि जैसे सभी उचित अनुपालन के साथ काम कर रहा है. अस्पताल के कर्मचारियों ने शानदार काम किया. व्हीलचेयर और बेड के मरीजों को फायर ड्रिल का पालन करके सुरक्षित बाहर निकाला.