नवी मुंबई. पनवेल के मनपा आयुक्त गणेश देशमुख का ठाणे में अतिरिक्त आयुक्त पद पर मंगलवार को ट्रांसफर हो गया. हालांकि बुधवार को उनके तबादले के खिलाफ सुबह से ही राजनीति शुरू हो गयी. सभागृह नेता परेश ठाकुर ने उनके सकारात्मक प्रयासों को गिनाते हुए राज्य के मुख्यमंत्री से गणेश देशमुख का ट्रांसफर तत्काल रद्द करने की मांग की है. ऐसी ही सिफारिश पनवेल संघर्ष समिति ने सीएम उद्धव से की है. दोनों ही पत्रों में आयुक्त गणेश देशमुख के योगदानों और सकारात्मक प्रशासनिक पहलों का जिक्र करते हुए पनवेल मनपा आयुक्त को दिसंबर 2020 तक बरकरार रखने की अपील की गयी है. बता दें कि पूर्व आयुक्त सुधाकर शिंदे के खिलाफ अभियोग प्रस्ताव के बाद मुख्यमंत्री ने कार्यकाल खत्म होने से पहले ही हटा दिया था. उसके बाद राजेन्द्र निंबालकर भी अपना कार्यकाल पूरा किए बिना ही हटा दिए गए. गणेश देशमुख की जब 2018 में नियुक्ति हुई उस वक्त हालिया तैयार हुई पनवेल महानगर पालिका में प्रशासनिक उथल पुथल मची थी और शहर के विकास एवं कामकाज की हालत खराब थी.प्रशासन और लोकप्रतिनिधियों में वैर था जिसे देशमुख ने सामंजस्य के साथ बखूबी ठीक किया और मनपा के कामकाज और विकास को गतिमान करने में सफल रहे. कोरोना संक्रमण काल में भी आयुक्त की पहल सक्रिय और सराहनीय रही. उनका कार्यकाल अभी तकरीबन  एक साल बाकी है ऐसे में सत्तापक्ष और विरोधी सभी उनकी बहाली की मांग कर रहे हैं.