मिठाइयों में होता है सिंथेटिक दूध का प्रयोग
नवी मुंबई ( सर्वजीत सोनी )-जैसे-जैसे त्यौहार नजदीक आते हैं वैसे-वैसे नकली व बासी खाद्य पदार्थों के माफिया बाजारों में अपनी सक्रियता की भूमिका निभाते हैं और नकली व बासी खाद्य पदार्थ बाजारों में भेजने का काम करते हैं|
दुकानदारों द्वारा कई खाद्य पदार्थ त्योहारों के मौके पर मिलावट कर बेचे जाते हैं, जिसका खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ता है| कई बार तो खाद्य पदार्थों के सेवन से खरीददारों की तबियत खराब हो जाती है और कई बार फूड प्वाइजनिंग होने की शिकायतें भी आती रही हैं| मगर खाद्य विभाग हाथ पर हाथ...
धरे सोता रहता है| हां मगर त्योहारों पर उसकी नींद टूटती है और वह देर सवेर नकली चीजों के खिलाफ कभी-कभी अभियान चलाकर उन्हें नष्ट भी करता है| इसी कड़ी में हिंदमाता मिरर के प्रतिनिधि ने एक कारखाने पता सेक्टर २२-२३, नौपाड़ा गांव, हावरे ग्रीन पार्क के पास, गणेश मंदिर के सामने, कामोठे तालुका पनवेल, नवी मुंबइका मुआइना किया, जहां खाद्य पदार्थ गंदगी में बनाए जा रहे थे|
वहीं खाद्य पदार्थ बेचने के लिए कामोठे नवी मुंबई में नीलकंठ नामक मिठाई के दुकानों में भेजे जा रहे है| जहां लोग उसे खरीदकर बिमारी का शिकार हो रहे है|पशी क्षपी पुब जब इसकी जानकारी खाद्य विभाग को मिली तो खाद्य विभाग की टीम ने छापा मारा और मिठाई के कुछ सैंपल जांच के लिए भेज दिए| बता दें कि आजकल बाजारों में कई तरह के नकली खाद्य पदार्थ बेचे जा रहै है जिनमें से अधिकतर सामान पैकेटबंद होते हैं्| जिन पर खाद्य विभाग की निगाह कभी नहीं पड़ती जबकि बाजारों में ज्यादातर पैकेटबंद खाद्य सामग्रियों में से कई खाद्य सामग्रियों नकली एवं घटिया होती है या फिर कई ब्रांडो की कॉपी करके उन्हें बाजार में बेचा जाता है| इसी प्रकार शहर के अंदर बन रहे बेकरी के खाद्य पदार्थ ब्रेड बिस्कुट जैसी आइटम पर खाद्य विभाग की कभी नजर नहीं पड़ती| जैसे जैसे त्यौहार नजदीक आते हैं वैसे वैसे खाद्य विभाग सक्रिय हो जाता है और छोटी मोटी छापेमारी कर अपनी कार्यवाही पूरी करने की बात कहता है| मगर खाद्य विभाग की हकीकत यह है कि वह त्योहारों पर भी कभी खाद्य पदार्थ के बाजार में छापेमारी नहीं करता जबकि मुंबई, ठाणे, उल्हासनगर आदि जगहों पर बड़ी मात्रा में घटिया एवं नकली खाद्य पदार्थों का भंडारण है | मगर खाद्य विभाग ने अभी तक इन बाजारों में कोई कार्यवाही नहीं की है जबकि सबसे ज्यादा नकली और घटिया खाद्य सामग्री थोक एवं फुटकर के भाव इन्हीं बाजारों से बेची जाती है | वहीं पर कई ऐसे चिन्हित स्थान है जहां पर सिंथेटिक मावा पनीर एवं इससे बनी मिठाइयां बड़ी मात्रा में बेची जाती हैं मगर वहां पर भी खाद्य विभाग कभी छापामारी नहीं करता या फिर करता भी है तो छोटी मोटी छापेमारी कर अपनी कार्यवाही करने की बात कहता है|
दुकानदारों द्वारा कई खाद्य पदार्थ त्योहारों के मौके पर मिलावट कर बेचे जाते हैं, जिसका खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ता है| कई बार तो खाद्य पदार्थों के सेवन से खरीददारों की तबियत खराब हो जाती है और कई बार फूड प्वाइजनिंग होने की शिकायतें भी आती रही हैं| मगर खाद्य विभाग हाथ पर हाथ...
धरे सोता रहता है| हां मगर त्योहारों पर उसकी नींद टूटती है और वह देर सवेर नकली चीजों के खिलाफ कभी-कभी अभियान चलाकर उन्हें नष्ट भी करता है| इसी कड़ी में हिंदमाता मिरर के प्रतिनिधि ने एक कारखाने पता सेक्टर २२-२३, नौपाड़ा गांव, हावरे ग्रीन पार्क के पास, गणेश मंदिर के सामने, कामोठे तालुका पनवेल, नवी मुंबइका मुआइना किया, जहां खाद्य पदार्थ गंदगी में बनाए जा रहे थे|
वहीं खाद्य पदार्थ बेचने के लिए कामोठे नवी मुंबई में नीलकंठ नामक मिठाई के दुकानों में भेजे जा रहे है| जहां लोग उसे खरीदकर बिमारी का शिकार हो रहे है|पशी क्षपी पुब जब इसकी जानकारी खाद्य विभाग को मिली तो खाद्य विभाग की टीम ने छापा मारा और मिठाई के कुछ सैंपल जांच के लिए भेज दिए| बता दें कि आजकल बाजारों में कई तरह के नकली खाद्य पदार्थ बेचे जा रहै है जिनमें से अधिकतर सामान पैकेटबंद होते हैं्| जिन पर खाद्य विभाग की निगाह कभी नहीं पड़ती जबकि बाजारों में ज्यादातर पैकेटबंद खाद्य सामग्रियों में से कई खाद्य सामग्रियों नकली एवं घटिया होती है या फिर कई ब्रांडो की कॉपी करके उन्हें बाजार में बेचा जाता है| इसी प्रकार शहर के अंदर बन रहे बेकरी के खाद्य पदार्थ ब्रेड बिस्कुट जैसी आइटम पर खाद्य विभाग की कभी नजर नहीं पड़ती| जैसे जैसे त्यौहार नजदीक आते हैं वैसे वैसे खाद्य विभाग सक्रिय हो जाता है और छोटी मोटी छापेमारी कर अपनी कार्यवाही पूरी करने की बात कहता है| मगर खाद्य विभाग की हकीकत यह है कि वह त्योहारों पर भी कभी खाद्य पदार्थ के बाजार में छापेमारी नहीं करता जबकि मुंबई, ठाणे, उल्हासनगर आदि जगहों पर बड़ी मात्रा में घटिया एवं नकली खाद्य पदार्थों का भंडारण है | मगर खाद्य विभाग ने अभी तक इन बाजारों में कोई कार्यवाही नहीं की है जबकि सबसे ज्यादा नकली और घटिया खाद्य सामग्री थोक एवं फुटकर के भाव इन्हीं बाजारों से बेची जाती है | वहीं पर कई ऐसे चिन्हित स्थान है जहां पर सिंथेटिक मावा पनीर एवं इससे बनी मिठाइयां बड़ी मात्रा में बेची जाती हैं मगर वहां पर भी खाद्य विभाग कभी छापामारी नहीं करता या फिर करता भी है तो छोटी मोटी छापेमारी कर अपनी कार्यवाही करने की बात कहता है|