किशोरी के अपहरण, रेप केस में POCSO कोर्ट ने आरोपी को किया बरी

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 महाराष्ट्र में ठाणे की एक विशेष अदालत ने 2016 में हुए 15 वर्षीय एक लड़की के अपहरण और बलात्कार के आरोपी को बरी कर दिया है। इस व्यक्ति पर कलवा से लड़की का अपहरण करने, उसे उत्तर प्रदेश में अपने पैतृक स्थान वाराणसी ले जाने, उसके साथ बलात्कार करने और उसे गर्भवती करने के आरोप में भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामले दर्ज किए गए थे।


विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) एमबी पटवारी ने 24 दिसंबर को दिए आदेश में कहा, “पीड़िता का बयान है कि उसने बालिग होने के बाद व्यक्ति के साथ शादी की और शारीरिक संबंध बनाए। इस बयान के विरोध में कोई भी ठोस सबूत नहीं था।”


आदेश की प्रति बुधवार को उपलब्ध हुई। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि पीड़िता के बयान का उसकी मां ने समर्थन किया है। आदेश में आगे कहा गया है, “यह कहने की जरूरत नहीं है कि शादी करने, अपने जीवन साथी के साथ शारीरिक संबंध बनाने या बच्चे पैदा करने के लिए एक बालिग महिला की पसंद पर आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है।’’


न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन पक्ष कथित अपराधों को साबित करने के लिए साक्ष्य रिकॉर्ड पर नहीं ला सका और इसलिए, आरोपी बरी होने का हकदार है।

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