महाराष्ट्र परिवहन के 20 हजार कर्मचारियों की सैलरी अटकी, शिंदे-फडणवीस सरकार में भी नहीं सुधरे हालात

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महाराष्ट्र के हजारों एसटी कर्मचारियों (Maharashtra State Transport Employee) की सैलरी अब तक नहीं आई है। खबर है कि त्योहारी सीजन के बावजूद एसटी के 20 हजार कर्मचारियों का वेतन अटका हुआ है। औद्योगिक न्यायालय के आदेश को लागू नहीं किया गया है। पहले से ही शिंदे-फडणवीस सरकार के फैसले से राज्य परिवहन के कर्मचारियों का आर्थिक संकट गहराने की आशंका जताई जा रही थी।


मिली जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार की ओर से वेतन के लिए पूरे पैसे नहीं देने की वजह से महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के सामने अपने कर्मचारियों को वेतन देना बड़ी चुनौती बन गया है। बताया जा रहा है कि एमएसआरटीसी को राज्य सरकार द्वारा वेतन के लिए अब तक पूरी राशि का भुगतान नहीं किया गया है, इस वजह से एसटी कर्मचारियों का वेतन अटक गया है। एमएसआरटीसी कर्मचारियों की सैलरी का भुगतान कब करेगी? इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है।


बीते महीने की रिपोर्टों से पता चलता है कि एसटी निगम (एमएसआरटीसी) को महाराष्ट्र सरकार से 360 करोड़ रुपए की जगह केवल 100 करोड़ रुपए ही मिले हैं, ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बाकी 200 करोड़ रुपए का इंतजाम कहा से किया जायेगा।


बताया जा रहा है कि राज्यभर में एमएसआरटीसी की आय 450 करोड़ रुपये प्रति माह है, जबकि खर्च 650 करोड़ रुपये प्रति माह है। एमएसआरटीसी को हर महीने अपने कर्मचारियों को पगार देने के लिए 310 करोड़, बसों के डीजल के लिए 250 करोड़ और अन्य कामों के लिए 90 करोड़ रुपये की जरुरत होती हैं।


बीते साल एसटी कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर करीब पांच महीने तक हड़ताल किया था। यह हड़ताल एक ऐतिहासिक हड़ताल थी। तब तत्कालीन एमवीए सरकार (शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन) द्वारा उनकी कुछ मांगों को स्वीकार कर हड़ताल को ख़त्म करवाया गया था। लेकिन अब नई सरकार के गठन के बावजूद एमएसआरटीसी कर्मचारियों की समस्या जस का तस बनी हुई है।


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