महाराष्ट्र के नंदुरबार में एक आदिवासी युवती के शव को उसके पिता ने 44 दिनों तक नमक के गड्ढे में सुरक्षित रखा। पिता ने पुलिस पर पूरे मामले को लेकर पुलिस की जांच पर सवाल उठाए थे। पुलिस युवती की हत्या के मामले को आत्महत्या बता रही थी, जबकि परिजनों ने बलात्कार के बाद उसकी मौत की आंशका जताई है। गुरुवार को शव को दोबारा पोस्टमार्टम के लए नंदुरबार जिले से मुंबई के सरकारी जे जे अस्पताल लाया गया है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, शुक्रवार को होने वाले पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टरों का एक पैनल बनाया जाएगा। साथ ही प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी।
बलात्कार का परिजनों ने किया था दावा
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, महिला एक अगस्त को नंदुरबार के धाड़गांव तालुका के वावी में लटकी मिली थी। महिला के पिता ने दावा किया था कि उसके साथ चार लोगों ने बलात्कार किया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। नंदुरबार के एक सरकारी अस्पताल में महिला के शव का पोस्टमॉर्टम किया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला के परिजनों के दावे से इनकार किया गया। पुलिस ने आत्महत्या का मामला दर्ज किया था। मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
परिजनों ने पुलिस की जांच पर उठाए सवाल
मृतक महिला के पिता समेत अन्य परिवार के सदस्यों ने पुलिस पर ठीक से जांच न करने के आरोप लगाए थे। इसलिए उन्होंने शव का अंतिम संस्कार करने के बजाय उसे सुरक्षित रखने का निर्णय लिया।
दूसरे पोस्टमार्टम की मांग
पुलिस अधिकारी ने कहा कि परिवार ने उसके शव को ढडगांव स्थित अपने गांव में नमक से भरे गड्ढे में दफन कर दिया, क्योंकि उन्होंने उसकी मौत के बारे में सच्चाई सामने लाने के लिए दूसरा पोस्टमार्टम कराने की मांग की थी। उन्होंने कहा, चूंकि शव को हफ्तों तक नमक के गड्ढे में रखा गया था। अधिकारी मुंबई में एक और पोस्टमॉर्टम करने के लिए तैयार हो गए। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए गुरुवार दोपहर जे जे अस्पताल लाया गया।
