Maharashtra: देश में कोरोना (Corona) का कहर शांत जरूर है, लेकिन महाराष्ट्र (Maharashtra) में बारिश के दौरान हो रही बीमारियों का कहर बरकरार है. पिछले सात दिनों में पूरे मुंबई (Mumbai) में स्वाइन फ्लू (Swine Flu), मलेरिया और डेंगू के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हुई है. आंकड़ों के अनुसार, शहर में 8 से 14 अगस्त के बीच मलेरिया (Malaria) के 194 नए मामले दर्ज हुए. स्वाइन फ्लू के 58 और डेंगू 46 के मामले दर्ज हुए.
मुंबई में स्वाइन फ्लू और डेंगू के हर दिन 6-9 मामले दर्ज हुए हैं और 28 लोग प्रतिदिन मलेरिया से संक्रमित हुए हैं. 1 से 14 अगस्त तक कुल 138 H1N1 मामले, 412 मलेरिया और 73 डेंगू के मामले अब तक सामने आए हैं.
डेंगू, मलेरिया और स्वाइन फ्लू का कहर
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य में पिछले सात महीनों के दौरान स्वाइन फ्लू के 1,449 मामले सामने आए हैं और 43 लोगों की मौत हुई है. 363 मामले पुणे से हैं. मुंबई में 291, ठाणे में 245 और नागपुर में 118 मामले अबतक दर्ज हुए हैं. मुंबई के अस्पतालों में इस मॉनसून में सर्दी बुखार और बदन दर्द से पीढ़ित मरीजों की संख्या अधिक देखी गई है.
क्या हैं स्वाइन फ्लू के लक्षण?
मुंबई में बारिश (Mumbai Rain) के दौरान मलेरिया (Malaria), डेंगू, लेप्टो, स्वाइन फ्लू (Swine Flu) के मामले दर्ज होते हैं, लेकिन इस साल मामलों में अधिक इजाफा देखा गया है. स्वाइन फ्लू के मामले करीब 2 साल के बाद इतनी संख्या में दर्ज हुए है. स्वाइन फ्लू के लक्षणों में ठंड लगना, बुखार, गले में खराश, शरीर में दर्द, सिरदर्द, पेट दर्द, और बार-बार उल्टी होना शामिल हैं. मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए डायबिटीज और हृदय रोग वाले मरीजों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है.
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