एकनाथ शिंदे ने दिया विपक्ष के तंज का जवाब, कांट्रैक्चुअल सीएम होना कुबूल पर उनके साथ बैठना नहीं

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‘मुझे कांट्रैक्चुअल सीएम होना कुबूल है, लेकिन मैं ऐसे लोगों के साथ नहीं बैठ सकता जिनकी राजनीतिक विचारधारा में समानता नहीं है।’ यह बातें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में मॉनसून सेशन के आखिरी दिन कहीं। करीब डेढ़ घंटे के वक्तव्य के दौरान वह कई बार इमोशनल हुए तो उन्होंने कुछ छोटी कविताएं भी सुनाईं। बता दें कि बीते दिनों महाराष्ट्र विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर खींचातानी हुई। इस दौरान धक्का-मुक्की तक हुई थी। विपक्षी विधायकों ने जमकर नारेबाजी की थी और शिवसेना के बागी गुट व भाजपा विधायकों पर छींटाकशी भी की थी। इसी दौरान सीएम एकनाथ शिंदे के लिए कांट्रैक्चुअल सीएम होने की बात भी कही गई थी। एकनाथ शिंदे विपक्ष के इसी तंज का जवाब दे रहे थे। 


मैंने प्रदेश को बेहतर बनाने का ठेका लिया है

अपने जवाब के दौरान एकनाथ शिंदे ने कहा कि हां मैं हूं कांट्रैक्चुअल सीएम। मैंने ठेका लिया प्रदेश को बेहतर बनाने का। गौरतलब है कि विपक्ष शिंदे को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथ की कठपुतली बताता है। इस दौरान शिंदे ने विपक्ष के नेता अजित पवार के आरोपों का भी जवाब दिया। अजित पवार ने शिवसेना के बागी विधायकों को श्रद्धा और धैर्य के साथ काम करने के लिए कहा था। इस पर शिंदे ने कहा कि अगर पवार ने यही धैर्य उस वक्त दिखाया होता तो जब वो अल-सुबह शपथ लेने पहुंच गए थे तो आज असफल नहीं होते। शिंदे का इशारा 2019 में अजीत पवार और देवेंद्र फडणवीस गठबंधन की तरफ था, जिसमें शपथग्रहण समारोह भोर में ही हो गया था।


कांग्रेस के लिए यह बोले

एकनाथ शिंदे ने कांग्रेस की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की जो हालत हो गई है, उन्हें उस पर दया आती है। शिंदे ने कहा कि एनसीपी के अजित पवार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बन गए। शिवसेना के अंबादास दान्वे कांउसिलर बन गए। आखिर कांग्रेस को यहां क्या मिला? यहां तक कि इन पदों पर नियुक्तियों के लिए कांग्रेस के भरोसे तक में नहीं लिया गया। सीएम शिंदे ने कहा कि बाकी ढाई साल में उनकी पार्टी प्रदेश का विकास करेगी। वहीं अगली बार फिर से सत्ता में वापसी करेगी।

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