उल्हासनगर के व्यापारियों की कोरोनावायरस के चलते काम धंधे के साथ-साथ लेनदेन की भी कमर टूट चुकी है। हमेशा से उल्हासनगर के व्यापारी खासकर सिंधी समुदाय के व्यापारी अपने व्यापार के लिए मशहूर हैं और यह समुदाय हमेशा खुशहाल और समृद्ध रहा है। मगर पिछले साल से भयंकर कोरोनावायरस के चलते यह समुदाय और खासकर उल्हासनगर के व्यापारियों की भूखे मरने की नौबत आ गई है। लॉकडाउन की पाबंदी के चलते घर का खर्चा, लाइट बिल, बच्चों के स्कूल फीस, बैंक का लोन, ईएमआई तक भरने में उनके पसीने निकल गए हैं। आज ये हंसता मुस्कुराता उल्लासनगर एकदम खामोश हो गया है। क्या सेंट्रल गवर्नमेंट, क्या महाराष्ट्र गवर्नमेंट कोई भी किसी तरह की मदद के लिए आगे नहीं आया। वहीं व्यापारी ही एक दूसरे के काम आते रहे। उल्हासनगर में कई राजनीतिक तो कई गैर राजनीतिक संगठन है मगर तकलीफ में कोई साथ खड़ा रहा तो वह है उल्लासनगर यूटीए। उल्लासनगर ट्रेड एसोसिएशन ही एक प्रबल संस्थान रहा जो फिर भी कुछ अच्छा काम करके टूट चुके व्यापारियों को एकजुट करके खड़ा रहा। इस संगठन के अध्यक्ष सुमित चक्रवर्ती और उनकी टीम व्यापारियों के साथ खड़ी हुई है। वो सभी राजनीतिक नेता से मिले। सभी अधिकारियों से व्यापारियों को राहत देनेे की गुजारिश की। मगर ना शासन ना प्रशासन काम आया पर सुमित चक्रवर्ती और उनकी टीम ने अब मोदी के ऊपर विश्वास दिखा कर उनको उल्हासनगर आने के लिए राजी कर भी लिया। मोदी ने भी यूटीए के अनुरोध को स्वीकार करके व्यापारियों की तकलीफ से सुनकर उसके निवारण करने का मन बना लिया है। मोदी 30 जुलाई शाम 6:00 बजे गोल मैदान के पास सोमैया हॉल में आएंगे। चौक गए ना आप! जी हां, मोदी उल्हासनगर आ रहे हैं...मोदी प्रहलाद मोदी... हमारे देश के पीएम नरेंद्र मोदी जी के छोटे भाई प्रह्लाद मोदी जी जिनका राजनीति से कोई संबंध नहीं है। वह हमेशा देश में कई एनजीओ व संस्थानों में कई बड़े पद पर रहकर लोगों की सेवा कर चुके हैं। 30 जुलाई को वही छोटे मोदी साहब उल्हासनगर आकर व्यापारियों की तकलीफ सुनकर ऊपर सरकार तक पहुंचाएंगे। यूटीए को उम्मीद है कि एक मोदी की पुकार से दिल्ली में बैठे दूसरे मोदी जरूर व्यापारियों का भला और उद्धार करेंगे। आप सभी को पता है कि प्रह्लाद मोदी जी देश के बहुत बड़ी व्यापारी संगठनों से जुड़े हुए हैं। मोदी जी के आने से उल्हासनगर के व्यापारियों का भला होने की उम्मीद है।