उल्हासनगर मनपा का 'धोखादायक' फरमान

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उल्हासनगर-
एक तरफ पूरे देश में कोरोना ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है तो दूसरी तरफ लोगों को ही उनके घर से ही बेघर किया जा रहा है। महाराष्ट्र के उल्हासनगर से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहाँ उल्हासनगर मनपा द्वारा पुरानी व अति धोखादायक बिल्डिंगों को तोड़ने का काम शुरू किया गया है, जिससे शहर में हड़कंप मच गया है। इस फैसले का का उल्हासनगर के रहिवासियों नें विरोध जताया है। उनका कहना है कि एक तो कोरोना महामारी के वजह से लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी गई है, तो वहीँ दूसरी तरफ ऐसे मुश्किल वक्त में उनको बाहर कर महानगर पालिका उन लोगों के साथ अन्याय कर रही है। पुरानी बिल्डिंग में रहने वालों की मांग है कि मनपा द्वारा पहले धोखादायक बिल्डिंगों में रहने वालों का पुनर्वसन किया जाए उसके बाद उनसे घर खाली कराए जाए. 

आपको बता दें कि धोकादायक इमारतों के विषय को लेकर 28 जून के दिन स्थानीय संत थाहिरिया सिंह दरबार के हॉल में स्थानीय समाजसेवियों ने एक बैठक का आयोजन किया था. इसमें काजल मूलचंदानी, कृष्णन, मोती लुधवानी, एडवोकेट राज चांदवानी, संजय लुल्ला, प्रकाश तलरेजा, राजकुमार कुकरेजा, निखिल गोले, युवराज पवार, मोती जगवानी, जगदीश तेजवानी आदि उपस्थित रहे एवं चर्चा में हिस्सा लिया.
प्रशासन के इस कदम का समाजसेविका काजल मूलचंदानी ने तीव्र विरोध किया है। समाजसेविका काजल मूलचंदानी के अनुसार हाईकोर्ट का आर्डर है कि जब तक लॉकडाउन है और कोरोना का कहर है तब महानगर पालिका किसी भी बिल्डिंग को जमीदोज नही कर सकती है, लेकिन उसके बावजूद महानगर पालिका इमारत को तोड़ रही और लोगों का बसा बसाया घर उजाड़ाने का काम कर रही है। या एक निहायत ही अन्यायपूर्ण कार्य है।
अन्य सभी समाजसेवियों ने विरोध किया और कहा कि मनपा द्वारा पुनर्वसन करने बाद ही उन्हें बेघर किया जाए.
गौरतलब हो कि मनपा द्वारा 1 जून को 30 अति धोकादायक और 118 धोकादायक इमारतों की नई लिस्ट घोषित की गई। लॉकडाउन के समय में इमारत निष्कासन की नोटिसें इमारतों के बाहर चिपकायी गयी. इमारत को रिपेयरिंग की परमिशन दी जाने की मांग इमारतवासियों की प्रलंबित है. 9 साल में दर्जनों इमारते गिर चुकी हैं व लगभग 23 लोगों की इसमें मौतें हो चुकी हैं. मानसून आते ही धोकादायक इमारतवासी अब बरसात में फिर से एकबार दहशत के साये में हैं और हर साल की तरह प्रशासन ने सिर्फ अपना पल्ला झाड़ने के लिए बरसात का बहाना देते हुए इमारत निष्कासन की नोटिसें चिपकायी और इसी के साथ स्थानीय मनपा द्वारा 30 अति धोकादायक इमारतों में से 3 इमारतों पर तोडू कार्यवाही शुरू कर दी है.

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