वीडियो में हुआ खुलासा
डोंबिवली (मिथिलेश गुप्ता ): डोंबिवली पूर्व के इंदिरा चौक के फुटपाथ पर कुछ महीनों से फेरीवालों ने कब्जा कर रखा है, डेढ़ सौ मीटर के बाहर क्या अंदर क्या? स्टेशन परिसर सभी जगह फेरीवालों ने कब्जा किया है| इंदिरा चौक पर सोमवार शाम ४ बजे के आसपास धंदा लगाने की जगह को लेकर फेरीवालों में जमकर मारामारी हुई| इस लड़ाई में चार पुरुष के साथ एक महिला भी शामिल थी| इनको जल्द से जल्द कहीं और शिफ्ट किया जाना चाहिए नहीं तो किसी दिन फेरीवालों में दंगल होगी, फिर उसकी जिम्मेदारी मनपा लेगी क्या? ऐसा सवाल उपस्थित किया जा रहा है|उच्च न्यायालय के आदेशानुसार स्टेशन परिसर में मनपा ने डेढ़ सौ मीटर की रेखा खींची है, लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ है| मुंबई, ठाणे से भगाए गए फेरीवालों को डोंबिवली के स्टेशन परिसर में धंदा लगाने को जगह मिली है, इसलिए फेरीवालों की संख्या में पहले से कई गुना इजाफा हुआ है| ये घटना जहां हुई ये डेढ़ सौ मीटर के बाहर इंदिरा चौक के फुटपाथ पर बैठे हुए थे| शाम को धंदा लगाने के समय एक महिला हमेशा की तरह पहले धंधा लगाकर बैठी थी, उसी समय वहां पर दूसरा पुरुष आया और महिला को उस जगह से धंधा हटाने के लिए कहा| महिला ने धंधा हटाने से मना किया, पुरूष ने महिला को गालियां देना शुरु कर दी| यह सब देख महिला के साथीदार दूसरे फेरीवाले पर टूट पड़ा| तभी पास में ही अन्य फेरीवाले भी इस लड़ाई में शामिल हुए और एक दूसरे को जमकर पीटना शुरु किया| इसमें महिला को अंदरूनी चोटे लगी| ये पूरा प्रकार पब्लिक के सामने लगभग दस मिनट तक चला|
बुधवार २५ अप्रैल को मनपा आयुक्त गोविंद बोडके ने स्टेशन परिसर में फेरीवालों की समस्या पर एक दौरा करके स्थिति का जायजा लिया था| उस समय फेरीवालों को मनपा कर्मचारियों ने खबर देकर हटवा दिया था, लेकिन आयुक्त के जाते ही फेरीवाले फिर से अपना धंधा उसी तरह लगा कर बैठ गए| स्टेशन परिसर पर फेरीवालों ने कब्जा कर रखा है, मनपा द्वारा कार्रवाई केवल नाममात्र की होती है| फेरीवाला पथक के अधिकारी और कर्मचारी इन फेरीवालों से हफ्ता लेकर इन फेरीवालों को सरंक्षण देते हैं, ऐसा सीधा आरोप मनसे गटनेता प्रकाश भोईर ने महासभा में किया था| उसके बावजूद फेरीवालों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है| कल्याण डोंबिवली मनपा अंतर्गत डोंबिवली विभागीय कार्यालय फ प्रभाग और ग प्रभाग क्षेत्र में फेरीवालों से अधिकारी हफ्ता लेकर उन्हें बढ़ावा देते हैं, ऐसा आरोप करते सत्ताधारी भाजपा नगरसेवकों ने बैठक में आंदोलन किया था| इसके पहले भी मनसे और शिवसेना ने अनेक आंदोलन किए, लेकिन फेरीवाले हटने का नाम ही नहीं ले रहे हैं|