डेंगू की चपेट में उल्हासनगर

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८ लाख की जनसंख्या में ५६ लोगों को हुई डेंगू की बीमारी कोई मायने नहीं रखती- आरोग्य अधिकारी


उल्हासनगर: उल्हासनगर मनपा के विवादित आरोग्य अधिकारी एक बार अपनी बड़बोली की वजह से वापस विवादों में घिर गए है| उल्हासनगर के विभिन्न निजी हॉस्पिटलों में डेंगू की चपेट में आए ५६ मरीज उपचार करवा रहे है, जब कि आरोग्य अधिकारी राजा रीजवानी इसे मजाक में लेकर यह कह दिया कि ८ लाख की जनसंख्या में ५६ डेंगू मरीज कोई मायने नहीं रखते, आरोग्य अधिकारी के इस विवादित बोल से बवाल मच गया है|
भयंकर बीमारियों से बचने के लिए उमनपा प्रतिवर्ष जन जागृति मुहिम चलाती है, परंतु इस बार जन जागृती मुहिम तो दूर की बात है झुग्गी-झोपड़ पट्टियों सहित इमारतों में डेंगू और मलेरिया से बचने के लिए उमनपा जो केमिकल का छिड़काव करती है वह भी अब तक नही किया गया| उमनपा सभागृह नेता जमनु पुरस्वनी द्वारा डेंगू का मुद्दा उठाने के बाद उमनपा प्रसासन हरकत में आई, इस विषय में सभागृह नेता जमनु पुरस्वनी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मुझे पोती हुई और इसलिए मैं पिछले पांच दिनों से लगातार हॉस्पिटल में जा रहा हूं| वहां जाने के बाद जो भी परचित लोग मिले उनमें अधिकांशतः डेंगू जैसे खतरनाक बिमारी से ग्रसित मिले|
अस्पताल में डेंगू ग्रसित मरीजों को देखने के बाद सभाग्रह नेता जमनु पुरस्वनी ने आरोग्य अधिकारी डॉ. राजा रीजवानी को एक पत्र देकर डेंगू से ग्रसित मरीजों की जानकारी मांगी, तब पता चला कि ५६ लोग डेंगू ग्रसित है जिसमें अधिकतर बच्चो का समावेश है| इस विषय में जब पत्रकारों ने आरोग्य अधिकारी डॉ. राजा रिजवानी से पूछा तब उन्होंने बताया कि दिवाली की छुट्टियों के पांच दिनों का अपडेट अभी तक नहीं मिल पाया है, दिवाली के पहले तक निजी हॉस्पिटल में ५६ डेंगू मरीजों का उपचार किया जा रहा है|
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