उमनपा डांबरीकरण घोटाला, नगर विकास मंत्री रणजित पाटिल ने दिए जांच के आदेश

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उल्हासनगर: स्थाई समिति द्वारा बिना निविदा निकाले रास्तों के गढ्ढे भरने का काम लगभग साढ़े चार करोड़ रुपए में झा. पी.कम्पनी और जय भारत इन दो कम्पनियों को देने के प्रकरण में विधायक बालाजी किणीकर ने इसकी शिकायत शासन तक पहुंचाई है| इस प्रकरण में नगर विकास राज्य मंत्री डॉ . रणजित पाटिल ने किणीकर के शिकायत पर दखल देते हुए उल्हासनगर मनपा आयुक्त को उचित कर्रवाई करने का आदेश दिया है|उल्हासनगर मनपा यह भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है| उल्हासनगर में बरसात में रास्तों के गढ्ढे भरने के नाम पर हर साल धार्मिकता का रंग देकर करोड़ों रुपए उड़ाए जाते हैं| इस बार भी बरसात में रास्तों के गढ्ढे भरने के लिए प्रभाग समिति १ में ७३ लाख, प्रभाग समिति २ में सवा करोड़, प्रभाग समिति ३ में एक करोड़ दस लाख और प्रभाग समिति ४ मेंं डेढ़ करोड़ रुपयों के काम का निविदा पूर्व मान्यता के लिए शहर अभियन्ता राम जैसवार ने स्थाई समिति के पास भेजा था| इस विषय पर गुरुवार को स्थाई समिति की बैठक में हुई चर्चा में ७ दिन की अल्पकालिक निविदा नहीं जारी करते हुए सीधे झा. पी. कंपनी और जय भारत कंस्ट्रक्शन को दे दिया गया| इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है, ऐसी शिकायत विधायक किणीकर ने नगर विकास राज्य मंत्री डॉ. रणजित पाटिल के पास की थी जिस पर ध्यान देते हुए राज्य मंत्री ने उल्हासनगर मनपा के आयुक्त राजेंद्र निंबालकर को उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया है| इस विषय में विधायक किणीकर ने बताया कि मनपा आयुक्त द्वारा इसे पुर्नविचार के लिए स्थाई समिति के पास भेजकर अल्प कालिन निविदा निकलवाना उचित रहेगा, अन्यथा इस प्रकरण में जांच होगी और भ्रष्टाचार में शामिल स्थाई समिति के सदस्यों के खिलाफ मामले भी दर्ज किए जाएंगे|
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